अहिल्याबाई होळकर: न्यायप्रिय शासिका, जिसने विकास को पूजा समझा

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन

अहिल्याबाई होळकर, मराठा साम्राज्य की एक ऐसी रानी थीं, जिनके विकास कार्य आज की सरकारों को आइना दिखाते हैं। एक समय जब राजा अपनी तिजोरी से जनसेवा करते थे, आज के नेता सरकारी खजाने से “जन-सेवा के नाम पर” सेल्फी लेते हैं।

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जन्म और शुरुआती जीवन

31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में जन्मी अहिल्याबाई, न सिर्फ एक रानी थीं बल्कि सामाजिक सुधार की अग्रदूत भी थीं। विधवा होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। अपने दुखों को शक्ति में बदल कर वे महेश्वर की महारानी बनीं और वहां से एक आदर्श शासन की नींव रखी।

मंदिर निर्माण या “टेम्पल पॉलिटिक्स”?

जहां आज मंदिर सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है, अहिल्याबाई ने सच में धर्म और संस्कृति को पुनर्जीवित किया।

  • सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार

  • काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण

  • देशभर में घाट, कुएं, प्याऊ और अन्नसत्र

इन कार्यों से उन्होंने यह साबित किया कि धर्म का उपयोग लोगों की भलाई के लिए होता है, न कि वोट के लिए।

महिला सशक्तिकरण: 1700s में भी आगे की सोच

जब आज भी कई सरकारें महिलाओं के नाम पर वादे करती हैं, अहिल्याबाई ने तब:

  • महिलाओं को शिक्षा दी

  • विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया

  • स्त्रियों को समाज में सम्मान दिलाया

उनका मानना था, “शक्ति सिर्फ मंदिर में नहीं, घर की स्त्रियों में भी होनी चाहिए।”

एक सेनापति जैसी शासिका

अहिल्याबाई केवल भावुक धर्मपरायण रानी नहीं थीं। उन्होंने तुकोजीराव होलकर को सेनापति नियुक्त किया और राज्य को व्यवस्थित रखा।
जहां आजकल नेताओं को रक्षा नीति समझने में दशक लग जाते हैं, अहिल्याबाई ने सीमाओं की रक्षा और कर-प्रणाली दोनों को दुरुस्त रखा।

मतभेद और विवाद: धर्म बनाम अंधविश्वास

कुछ लोग कहते हैं उन्होंने मंदिरों पर अंधाधुंध खर्च किया। पर क्या यही बात आज के नेताओं पर नहीं लागू होती, जब करोड़ों की मूर्तियाँ बनती हैं लेकिन अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं होती?

देहावसान और विरासत

13 अगस्त 1795 को उनका निधन हुआ। मगर उनकी विरासत आज भी जिंदा है:

  • हर साल इंदौर में ‘अहिल्योत्सव’ मनाया जाता है

  • उत्तराखंड में ‘अहिल्याबाई होलकर बकरी पालन योजना’ से गरीबों को मदद मिलती है

कहाँ आज की सरकारें “गौशाला” के नाम पर सिर्फ बजट पास करती हैं और कहाँ एक रानी, जो सच में काम करके दिखा गई।

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